ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

एसआईटी की जांच में हुआ खुलासा, डॉ अश्विनी पाठक की पत्नी दुहिता पाठक खुद को बताया करती थी डॉक्टर | SIT investigation revealed, Dr. Ashwini Pathak’s wife Duhita Pathak used to call herself a doctor

जबलपुर: आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने के मामले में सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के डॉ अश्विनी पाठक और उनकी पत्नी दुहिता पाठक के मामले में लगातार एस.आई.टी जांच कर रही है। जांच में अब खुलासा हुआ है कि डॉ अश्विनी पाठक की पत्नी और अस्पताल के डायरेक्टर दुहिता पाठक अपने आपको डॉक्टर बताया करती थी, जबकि वह डॉक्टर नहीं थी। इतना ही नहीं मरीजों के इलाज से जुड़ी तमाम फाइलों को वह स्वयं जांचा करती थी। अस्पताल में पदस्थ कर्मचारी भी मरीजों को यह बताते थे कि दुहिता पाठक डॉक्टर है, वह फाइल जांचने के बाद मरीजों का क्या इलाज करना है और क्या नहीं यह भी निर्देश दिया करती थी।एस.आई.टी ने अपनी जांच में खुलासा किया है कि सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में आने वाले हर एक मरीज को डॉ अश्विनी पाठक के पास भेजा जाता था, जो कि मेडिकल कॉलेज में पदस्थ रहे हैं। ड्यूटी समय पर भी उनके द्वारा निजी अस्पताल में बैठकर इलाज करने की जानकारी अभी सामने आई है। इस पूरे मामले में जांच कर रही एस.आई.टी की टीम ने मरीजों की भर्ती स्लिप भी जप्त की है।जानकारी के मुताबिक एस.आई.टी ने डॉ अश्विनी पाठक और उनकी पत्नी दुविधा पाठक से जेल में जाकर पूछताछ की थी। एस.आई.टी जांच में खुलासा हुआ है कि दलाल रईसा बेगम कई और अस्पतालों में आयुष्मान हितग्राहियों को मरीज बनाकर भर्ती कराती थी। पाठक दंपत्ति ने दो अस्पतालों के नामों का खुलासा भी किया है जो कि अब एस.आई.टी की जांच के दायरे में आ गए हैं। सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में मरीजों को लाकर भर्ती करने वाली दलाल रईसा बेगम आयुष्मान घोटाला उजागर होने के बाद से ही के बाद से ही लगातार फरार है जिसे कि एस.आई.टी तलाश कर रही है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.