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गया में होगी बेबीकाॅर्न की खेती, जिले के होटलों में है बड़ी मांग

गया। जिले की महिला किसान नित नये क्षेत्र में कदम बढ़ा रही है। बाराचट्टी प्रखंड की श्रीमती मंजु देवी लेमनग्रास की खेती कर एक अच्छी आय अर्जित कर रही है। वही जिला पदाधिकारी, गया की पहल पर गया जिले की सैंकड़ो महिला किसान मषरुम उत्पादन कर रही है। इसी कड़ी में अब अगली फसल बेबीकाॅर्न है। इसे षिषु मक्का भी कहते है। बेबीकाॅर्न मात्र दो माह में तैयार हो जाता है। बेबीकाॅर्न फसल पूरे वर्ष किया जा सकता हैं। पूरे वर्ष में एक खेत से बेबीकाॅर्न की पाँच फसल ली जा सकती है। बेबीकाॅर्न की तुड़ाई के बाद हरे पौधे से पशुओं के लिये काफी अच्छा चारा तैयार हो जाता है। 10 कट्ठे में बेबीकाॅर्न की खेती कर एक किसान पूरे वर्ष में एक लाख रुपये तक की आय प्राप्त कर सकते है। बाॅके बाजार में गठित महिला विकास प्रोडयुसर कम्पनी के तहत अभी 50 महिला दीदी के द्वारा बेबीकाॅर्न की खेती प्रारंभ की गयी है। बाँके बाजार महिला विकास कम्पनी से जुड़ी कुछ महिलाओं यथा श्रीमती नीलम कुमारी, संगीता देवी, रिंकु कुमारी, सुमन कुमारी आदि ने प्रायोगिक तौर पर छोटे रकवा में बेबीकाॅर्न की खेती किया था जिनसे उन्हें अच्छी आय प्राप्त हुई थी। बेबीकाॅर्न की खेती निश्चित रुप से उनके लिये लाभदायक होगी। बोधगया जैसे पर्यटक स्थल पर पर्यटक गया जिले में उत्पादित बेबीकाॅर्न का स्वाद ले सकेंगे।

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