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थानाध्यक्ष पर सीएचसी प्रभारी ने लगाया गम्भीर आरोप

पुलिस और चिकित्सक आमने सामने महिला की मौत
पटना-फतुहा। पुलिस की उदासीनता के कारण एक महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी। दरअसल गुरूवार को एक महिला आत्महत्या करने के लिए फतुहा त्रिवेणी घाट पर छलांग लगा दी और बहते हुए फतुहा मस्ताना घाट पर आ पहुंची। स्थानीय लोगों द्वारा महिला को नदी में से निकाल लिया गया लेकिन उसकी साँस बिल्कुल ठीक चल रही थी। अस्पताल पहुंचाने के लिए इस बात की सूचना फतुहा थाना को दिया गया जिसपर वाहन भेजने का आश्वासन दिया। काफी देर तक जब पुलिस नहीं आई तो लोग महिला को फतुहा सीएचसी ले गए, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों द्वारा पटना रेफर किया गया लेकिन जब अस्पताल कर्मचारी ओडी स्लिप को थाने में ले गया तो वहां के पदाधिकारी द्वारा नहीं लिया गया और पुलिस और अस्पताल के कारवाई के बीच में यह महिला घंटों अचेत अवस्था में पड़ी रही। कुछ देर बाद डाॅक्टरों ने उसका परीक्षण किया तो वह मृत पाई गई। मृत होने के बावजूद भी प्रशासन मूकदर्शक बनी रही और उसकी पहचान कराने के लिए अस्पताल तक आना जरूरी नहीं समझी। अस्पताल में भी अज्ञात महिला मृत अवस्था में काफी देर तक पड़ी रही। आनन-फानन में पत्रकारों द्वारा इस बात की सूचना पटना के ग्रामीण एसपी सैयद इमरान मसूद और फतुहा डीएसपी सियाराम यादव को दी गई, जिसपर कारवाई करते हुए थाने को निर्देशित किया गया तब जाकर थाना के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे। वही डीएसपी सियाराम यादव ने पुलिस की उदासीनता को लेकर दोषी पदाधिकारियों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जब इस विषय में फतुहा सीएचसी प्रभारी डॉo गणपत मंडल ने कहा कि अगर ससमय पुलिस द्वारा पटना अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता तो शायद महिला की जान बच सकती थी क्योंकि अस्पताल में आने के दौरान महिला बिल्कुल ठीक थी और उसे बचाया जा सकता था। उन्होंने वरीय अधिकारियों तक पुलिस उदासीनता के लिए लिखने की बात कही। पत्रकारों द्वारा काफी जद्दोजहद करने पर महिला के परिजनों तक सूचना दी गई। महिला की पहचान 65 वर्षीय जनका देवी
बंगोरिया, थाना-वेणा के रूप में की गई है। शाम तक महिला का शव अस्पताल में ही पड़ा रहा। अब सवाल यह है कि कोई भी घटना होने पर सबसे पहले लोग पुलिस को याद करते हैं और पुलिस को लोग रक्षक के रूप में देखते हैं लेकिन इस तरह की उदासीनता से पुलिस के लिए लोगों में कहीं न कहीं नकारात्मक छवि को प्रदर्शित करती है। जबकि थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मुकेश ने चिकित्सा प्रभारी गणपत मंडल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये बताया कि जिस समय अस्पताल के गार्ड थाना आया था उस समय हम टीम के साथ वलबा गाँव मे शराब की छापेमारी कर रहे थे ।

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