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टूटे पड़े सीवेज टैंक से रहवासियों को सता रहा हादसे डर कालोनी में मच्छरों से बढ़ा बीमारियों का खतरा

भोपाल। बागमुगालिया वार्ड में 60 प्रतिशत सड़कें बीते 10 वर्षों से जर्जर हैं। इनमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। मुख्य मार्ग पूरी तरह उखड़ गया है। इसकी मरम्मत कराने को लेकर रहवासी उखड़ी सड़कों पर कब्बाली गा चुके हैं। विरोध स्वरुप इन्हें ग्लूकोज चढ़ोन के साथ ड्रिप भी लगाई गई।वार्ड के रहवासियों ने पोस्टर अभियान भी चलाया। इसके बावजूद प्रशासन के कानों में जू नहीं रेंगी। नतीजतन रहवासी मूलभूत सुवधाओं को लेकर परेशान हो रहे हैं। इधर टूटे पड़े सीवेज टैंक खुले पड़े हैं, जिससे रहवासियों को हादसे का डर सता रहा है, तो वहीं कालोनियों में बढ़ती मच्छरों की संख्या से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।

रहवासियों ने बताया कि सड़कें नहीं बनने से प्रतिदिन लाखों लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। बाग मुगालिया एक्सटेंशन में सामुदायिक भवन के पास, गोधूलि पार्क के सामने, रेयान स्कूल, हैप्पी डेज स्कूल, भेल संगम कालोनी, अमराई, 80 फीट रोड, गुलाबी नगर और बागसेवनिया समेत अन्य कालोनियों के आसपास की सड़के जर्जर हो चुकी हैं। लेकिन इनकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। हालांकि इस मामले में स्थानीय पार्षद अर्चना मरमार का कहना है कि कायाकल्प अभियान के तहत वार्ड में पर्याप्त सड़कों का निर्माण कराया गया है, जो बची हैं। उनका भी जल्द टेंडर जारी किया जाएगा। इधर अरविंद बिहार और बागमुगलिया एक्सटेंशन में सीवेज के टैंक की या तो छत टूटी पड़ी है या फिर उनकी दीवार ढह जाने के कारण सीवेज सड़क पर बह रहा है, इतना ही नहीं सीवेज बहने के कारण बोरिंग का पानी भी गंदा और बदबूदार आ रहा है।

वार्ड की अन्य समस्याएं

बागमुगालिया वार्ड में सड़क और सीवेज नेटवर्क के साथ साफ-सफाई का भी अभाव है। सड़कों के किनारे गंदगी का अंबार है।

यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा तो है, लेकिन शाम होते ही बसों का आवागमन बंद होने से रहवासियाें को परेशानी होती है।

कालोनियों में कहीं एलइडी लगी है तो कहीं अभी भी वेपर लैंप लगे हुए हैं। 80 फीट सड़क पर तो स्ट्रीट लाइट भी नहीं है।

वार्ड में एक दर्जन से अधिक कालोनियां नगर निगम को हैंड ओवर नहीं हुई, जिससे रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

इनका कहना है

16 दुकान के पीछे, रामेश्वरम चौराहे के आगे दशहरे मैदान के पास तीन जगह सेप्टिक टैंक टूटे हुए हैं। अन्य स्थलों की तरह यहां पर भी सीवेज नेटवर्क का कार्य, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाने की कार्य योजना बननी चाहिए।

– रमाशंकर मिश्रा, रहवासी

मुख्य मार्ग को छोड़कर अंदर की कालोनियों में स्ट्रीट लाइट नहीं है। राते के अंधेरे में सड़कों पर बैठे अवारा मवेशियों की वजह से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। लेकिन ना तो सड़क की मरम्मत की जा रही और ना ही स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था।

– राजेंद्र राजपूत, रहवासी

वार्ड 55 की कई कालोनियां ऐसी हैं, जो सार्वजनिक परिवहन से दूर हैं। यहां तक बसों के नहीं पहुंचने से रहवासियों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। जो इनसे मंहगा किराया वसूल करते हैं।

– संजय सिंह, रहवासी

शहर में जनता सड़क, बिजली, सीवेज और पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए पार्षद और महापौर को चुनती है। लेकिन जनप्रतिनिधियों के जागरुक नहीं होने से रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

– उमाशंकर तिवारी, रहवासी

हमने कायाकल्प अभियान के तहत अधिकतर सड़कों का निर्माण करा दिया है, सीवेज टैंकों की भी मरम्मत की गई है। जो काम बचा है, उसके भी टेंडर लगाए जा रहे हैं। जल्द ही इन कार्यों का भी शुभारंभ किया जाएगा।

– अर्चना परमार, पार्षद वार्ड क्रमांक- 55

नगर निगम शहर में रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी वार्डों में सड़कें बनाई जा रही हैं। कालोनियों को सीवेज नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। जल्द ही रहवासियों की समस्याओं का निराकरण होगा।

– केवीएस चौधरी, आयुक्त नगर निगम

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