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जंगली जानवरों की खाल तस्करी के आठ आरोपितों को टीएसएफ ने किया गिरफ्तार

 डिंडौरी। टाइगर स्ट्राइक फोर्स व वन परिक्षेत्र डिंडौरी की दो जगह पर संयुक्त कार्रवाई में आठ वन्य प्राणियों के खाल तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। जानकारी में बताया गया कि चार आरोपित अनूपपुर जिले के हैं, जबकि चार डिंडौरी जिले के बताए जा रहे हैं।

आरोपितों के नाम सार्वजनिक नहीं

वन विभाग द्वारा अब तक आरोपियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। बताया गया कि गिरफ्तार आरोपितों में दो उपसरपंच, एक सरपंच पति और एक जन शिक्षक का नाम भी शामिल है। छापामार कार्रवाई दो अलग-अलग स्थानों पर की गई। टीम को तेंदुए और बाघ की खाल मिलने की जानकारी बताई जा रही है।

मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई

विभागीय जानकारी जो निकलकर आ रही है उसके अनुसार टीम दो दिनों से डिंडौरी और अनूपपुर जिले में डेरा जमाए हुई थी। आरोपितों से भी पूछताछ की जा रही है। बताया गया कि संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना के आधार पर एक ही दिन में दो बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

मुखबिर की सूचना पर घेरा‍बंदी

मुखबिर की सूचना पर ग्राम चंदनघाट की चारों तरफ से घेराबंदी कर चार आरोपितों को तेंदुआ के खाल के साथ गिरफ़्तार किया गया है। चार आरोपित जिला अनूपपुर थाना बेनिबारी के हैं। उनके पास से दो मोटर साइकिल जब्त की गई है। यहां से कार्रवाई के तत्काल बाद वन अमले ने डिंडौरी जिले के नेवसा टिकरी पिपरी रोड पर घेरा बंदी कर बाघ के खाल के साथ चार आरोपितों को गिरफ़्तार किया। ये आरोपित डिंडौरी जिले के हैं।

विभाग में भी हड़कंप की स्थिति

टीएसफ जबलपुर द्वारा दोनों मामले वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। खाल तस्करी में जनप्रतिनिधियों और एक शिक्षक के गिरफ्तार होने की सूचना से विभाग में भी हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है।

जनप्रतिनिधियों का तस्करी में शामिल होना कई सवाल खड़े कर रहा है। वन विभाग द्वारा अब तक मामले की जानकारी स्पष्ट तौर पर सार्वजनिक नहीं की गई है। इस मामले में भी आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं।

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