ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

केशव मौर्य के बाद अब दूसरे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की सीट पर निगाहें, यहां से हो सकते हैं प्रत्याशी

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट फाइनल होने के बाद अब फैसला भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के तीसरे कद्दावर चेहरे उपमुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा की सीट पर होना है। उनकी सीट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कार्यकर्ताओं के बीच कयास लग रहे हैं कि वह कैंट या फिर उत्तर से ताल ठोंक सकते हैं। इसकी वजह यह है कि कैंट ब्राह्मण बहुल सीट है। दाेनों ही सीटों पर लगातार भाजपा विजय रथ को सरपट दौड़ाती रही है। चूंकि पूर्व से भाजपा के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की मजबूत दावेदारी है। ऐसे में कैंट और उत्तर की सीट डिप्टी सीएम के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं।

महापौर रहने और उनसे लोगों का क्षेत्रीय समस्याओं के कारण सीधा संवाद-जुडा़व हाेने के कारण भी उनकी राह इस सीट पर आसान रहेगी। यह उनके लिए यह प्लस प्वाइंट है। चर्चा यह भी है कि उपमुख्यमंत्री पूर्व की सीट से भी अपना भाग्य आजमा सकते हैं। दरअसल यह चर्चा अचानक तब छिड़ी जब गुरुवार रात इंटरनेट मीडिया पर उनके लखनऊ उत्तर से प्रत्याशी होने की सूचना तेजी से वायरल होना शुरू हो गई। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पूर्व के पदाधिकारियों का कहना है कि यह वे सीटें हैं जहां से डॉ. शर्मा चुनकर विधानसभा पहुंच सकते हैं। वैसे भी भाजपा के लिए कैंट और पूरब क्षेत्र को अभेद किला माना जाता है। ऐसे में यह सीटें कार्यकर्ता सबसे उपयुक्त मान रहे हैं। पार्षद अनुराग मिश्र अन्नू कहते हैं कि कैंट सीट मजबूत है। ब्राह्मण बहुल होने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के बीच उनकी इस इलाके में सीधी पैठ है। शहर का महापौर होने के कारण कार्यकर्ताओं से बातचीत है। ऐसे में कैंट सीट पर उनकी दावेदारी मजबूत बनती है। उत्तर सीट भी उनके लिए कमजाेर नहीं है।

भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष समेत महानगर के कई पदों का जिम्मा संभाल चुके वरिष्ठ कार्यकर्ता कौशल किशोर का मानना है कि वह शहर की किसी भी सीट से लड़ सकते हैं। इसमें कैंट सीट सबसे अहम होगी। उत्तर सीट पर भी उनकी दावेदारी कमजोर नहीं है। बस वह लड़ना कहां से चाहते हैं उन पर निर्भर करता है। चुनावी समर में कैंट सीट पर उनकी दावेदारी मजबूत बनती है। राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं बैठक विभाग के नगर संयोजक सतीश मिश्र का अनुमान है कि वह कैंट या फिर उत्तर से मैदान में आ सकते हैं। तय संगठन को करना है। ऐसे में अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। इस सिलसिले में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से बात नहीं हो सकी। सूत्र बताते हैं कि वह फिलहाल चुनाव के लिए लड़ रहे कार्यकर्ताओं में जोश भरने के प्रदेश के विभिन्न जिलाें का दाैरा कर चुनावी समीकरण में अपनी उपयोगिता सार्थक करने में लगे हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.