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बीजापुर में नक्सलियों ने तीन नहीं एक मिलिशिया कमांडर कमलू की है हत्या, पत्र जारी कर कहा सरेंडर कर चचेरी बहन से करना था शादी

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गंगालूर एरिया कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर तीन लोगों की हत्या से इन्कार कार किया है। प्रेस नोट में कहा गया है कि उनकी पार्टी तीन की नही एक मिलिशिया कमांडर कमलू पुनेम की हत्या की है। नक्सलियों का कहना है कि मिलिशिया कमांडर कमल पुनेम को पुलिस एजेंट के रूप में काम करना था तथा वर्ष 2018 में पार्टी की ओर चेतावनी भी दी गई है, पर वह हमारी गोपनीयता भंग कर पुलिस मुखबिर बना था। पुलिस से मुखबिरी के लिए कमलू को 10 हजार रुपये इनाम भी मिला है।

मिलिशिया कमांडर कमलू पुनेम ने हमारे पार्टी व जनता पर हमला करवाकर नुकसान पहुंचाया है। ग्राम हिरोली, पुसनार, मर्रीवाडा़, बुरजी, मेटापाल सहित कई गांव में कमलू की पुलिस मुखबिरी से नुकसान उठाना पड़ा। नक्सलियों ने कमलू पर यह भी आरोप लगाया है कि वह मिलिशिया कमांडर रहते हुए अपनी चचेरी बहन मंगी पुनेम से शारीरिक संबंध बनाकर रखा था। पार्टी के लीडर इसके लिए कमलू को कई बार चेतावनी भी दिए, लेकिन वह नहीं माना, और चचेरी बहन का साथ लेकर समर्पण कर नई जिंदगी जीना चाहता था। इसकी भनक मिलने पर 29 दिसंबर को जनता की अदालत में फैसला कर हत्या की गई।

उनमूलन के नाम पर दमनात्मक कार्यवाही।

प्रेस नोट में माओवादियों द्वारा उल्लेख किया गया है कि पुलिस क्षेत्र में नक्सलियों उनमूलन के नाम पर आदिवासियों पर बर्बरता चलाने के लिए सुकली नेटवर्क, गोपनीय सैनिक कोटवर्ड बनाया गया है। इस कोडवर्ड के सहारे मुखबिरी की जा रही है।

तीन की हत्या का प्रचार एक षड़यंत्र है-गंगालूर एरिया कमेटी

भाकपा माओवादी गंगालूर एरिया कमेटी ने प्रेस नोट में लिखा है कि यह मीडिया के माध्यम से किया गया दुष्प्रचार है। हमारी पार्टी तीन की हत्या नहीं की है।मिलिशिया कमांडर कमलू पुनेम की गद्दारी व चचेरी बहन से संबध बना कर आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना व बहन के साथ भागने की सजा जनता की अदालत में दी गई है।

परंपरा अनुसार आदिवासियों में एक सरनेम वालों में शादी नही होती है।

जैसै बस्तर के आदिवासियों में एक परंपरा है कि सरनेम या उपनाम एक रहने पर विवाह को स्वीकार नहीं किया जाता है। पुनेम का विवाह पुनेम से करना नक्सलियों को स्वीकार नहीं रहा होगा‌, ऐसे में कमलू व मंगी नक्सली चंगुल से भाग समर्पण कर विवाह करना चाहते थे, बताते है कि इसकी भनक नक्सलियों को लगने पर ग्राम इड़ेनार में जनता के बीच फैसला लेकर कमलू की हत्या की गई। यह भी जानकारी आ रही है कि कमलू पुनेम व मंगी पुनेम पुसनार के टेकलपारा रहने वाले है। नक्सलियों के विचारधारा से जुड़ काम करते रहे।

नक्सलगढ़ पुसनार पहुची फोर्स, कोई सुराग नहीं मिला।

सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि मिलिशिया कमांडर कमलू पुनेम की हत्या के बाद शव को परिजनों को सौपा गया, उसके बाद दफना भी दिया गया है‌। जानकारी अनुसार दो दिन पहले गंगालूर थाना से पुलिस के जवान पुसनार गांव पहुची थी लेकिन पुलिस को गांव में कोई भी ग्रामीण इस घटना के संबंध बताने को तैयार नहीं है। पुलिस के जवान जंगल के रास्ते वापस गंगालूर लौट आ गये है।

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